Raksha Bandhan Horror Story in Hindi : रक्षाबन्धन की सच्ची कहानी
रक्षा बंधन का दिन भाई बहन का दिन कहलाया जाता है । 11 साल की स्मिता के लिए भी यह दिन खुशियों से भरा होता था जब उसके सारे बड़े भाई बहन घर आकर खूब मजा करते थे । पर कुछ साल पहले एक रक्षा बंधन का दिन स्मिता की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा ये कोई नहीं जानता था ।
रक्षा बंधन की रात स्मिता और उसके भाई बहन एक कमरे में बैठे हुए एक दूसरे को डरावनी कहानियां सुना रहे थे । स्मिता की सबसे बड़ी बहन ने कहा कि वो आत्मा बुलाना जानती है । हॉस्टल की सहेलियों के साथ निहाल ये अक्सर करती रहती थी । सब जोर से उस पर हंसने लगे ।
उन्हें लगा । सबको डराने की कोशिश कर रही है अपना मजाक बनते देख निहाल आत्मा को बुलाने के लिए राजी हो गई । स्नेहा ने कमरे की सारी लाइट्स बंद कर दीं और सब को एक गोले में बैठने के लिए कहा । उसके बाद स्नेहा ने गोले के बीच में एक कैंडिल और एक सिक्का रख दिया । स्नेहा ने सबको एक दूसरे का हाथ पकड़ने के लिए कहा । और कहा चाहे कुछ भी हो जाए हाथ नहीं छोड़ना ।
और यह कह कर स्नेहा ने आखें बंद करके कुछ मंत्र बोलने लगी और देखते ही देखते गोली के बीच में पड़ा सिक्का हिलने लगा । सब यह देखकर भौचक्के रह गए । गोले में पड़ा सिक्का अब उठकर खुद घूमने लगा । घूमते घूमते गोले से बाहर निकलकर दीवार पर चढ़ने लगा । डर के मारे सबकी हालत खराब हो रही थी और उस समय छोटी सी 11 साल की स्मिता इतना डर गई थी कि उसने अपना हाथ छुड़वा के अपनी
आंखें बंद कर ली । जैसे ही स्मिता ने अपना हाथ छोड़ा सिक्का जमीन पर गिर गया पर जो दीवार पर रह गया था वो देखकर सब डर से कांपने लगे । दीवार से एक औरत चिपकी बैठी थी जिसकी गर्दन पीटी हुई थी । नाखून लंबे थे होंठ सिले हुए और आँखे दूध सी सफेद थीं । सब मानों अपनी जगह पर बर्फ की तरह जम गए थे ।
स्नेहा उठी सिक्का उठाने के लिए डरी डरी आगे जाने लगी । जैसे ही उसने सिक्के को छुआ फॉरेन नेहा के ऊपर शक्ति उसे नोचने लगी । यह देखकर स्मिता जोर से चीखने लगी । स्मिता की मम्मी पापा अंदर आ गए थे । उन्हें देखते ही वृद्ध नेहा के ऊपर से गायब हो गई ।
सबलोग नेहा को डरी नजर से देखने लगे । नेहा उठी पर पड़ गई । उसके होंठ बिल्कुल उस औरत की तरह सिले हुए थे । नेहा ने स्मिता के मम्मी पापा को देखकर बहुत जोर से चिल्लाया । पर वहीं पर बेहोश हो गई । वो लोग फौरन उसे हॉस्पिटल लेकर भागे जहां उसका इलाज हुआ । कुछ समय बाद वो ठीक हो गई । छोटी सी अस्मिता को रक्षा बंधन का दिन हमेशा के लिए एक दिल दहला देने वाली याद दे गया ।