Good Stories With Morals – बहन का तोफा

 बहन का तोहफा 

सारिका जी बहुत कड़क लेडी थी दो बेटों की मां सारिका किसी भी बात पर समझौता नहीं करती। जिससे कई बार तो खुद उनके पति भी परेशान हो जाते। ( Good Stories With Morals – बहन का तोफा )

सारिका – अरे आप अभी तक जा रहे हैं? घर का नियम है कि 8 बजे सोना है तो सोना है समझें। 

सारिका के पति –औरे भाग्यवान नींद नहीं आ रहे तो क्या करूं? 

सारिका – हां हां नींद कैसे आएगी । दिनभर काम करो शरीर थके तो नींद आये ना। 

पति बेचारा क्या बहस करता, चुपचाप जाकर सो जाता है। देखते देखते बेटेबड़े होते हैं और सारिका को बड़े बेटे की शादी की चिंता सताती है।

Good Stories With Morals - बहन का तोफा

सारिका अपने बेटे से  –देखो बंटी मैंने तुम्हारे लिए एक लड़की देखी है। मीना नाम है उसका। ये रही उसकी फोटो, अगले महीने तुम्हारी शादी है। 

बंटी कुछ नहीं कहता है लेकिन उसके चेहरे से साफ पता चलता है कि उसे लड़की थोड़ी कम पसंद है। 

पडोसी –और सारिका तुमने शादी तय कर दी और हमें अब बता रहीहो घरवालों की भी तो सलाह ले लेती। 

सारिका – क्यों ले लेती और कमी क्या है इस लड़की में।  गाय की तरह सीधी है जहां बोलो वहां बैठ जाती है जैसा बोलो वैसे ही करती है। घर का सारा काम संभाल लेगी। 

बंटी -मां मुझे लाइफ पार्टनर चाहिए गाय नहीं। 

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सारिका अपने पति से – औरे वाह, देखा आपने कैसे जबान चल रही। इसकी सब आपके कारण बच्चों के सामने आप मुझसे सवाल जवाब करेंगे तो बच्चे भी तो ऐसे ही निकलेंगे ना। 

पिता प्रशांत बोहा से चला जाता है बंटी की शादी प्रिया से हो जाती है जो सच में किसी गाय से कम नहीं होती है। 

बहु -मांझी मैंने खाना बना दिया है क्या मैं सोने चली जाऊं। 

सारिका – हां चली जाओ। लेकिन शाम को बाद वे बाहर आ जाना क्योंकि रात का खाना भी तुम्हे बनाना हैं ।

प्रिया कमरे में जाती है लेकिन शाम को कमरे से बाहर नहीं आती है। आप तो सारिका जी का पारा सातवें आसमान में होता है। वो चिल्ला चिल्लाकर पूरा घर सिर पर उठा लेती है। 

सारिका –आज तक इस घर में किसी की हिम्मत नहीं हुई कि मेरी आज्ञा का पालन न करें। किसी ने मेरी बात अब तक नहीं टाली लेकिन ये कल के आयी लड़की । 

तभी कमरे में बुखार से तप रही प्रिया के कान में सास की आवाज आती है। वो हड़बड़ाकर उठती है। प्रिया सीधे किचन में जाती है और काम करने लगती है। 

बंटी -और क्या  हो गया, और क्यों चिल्ला रही हो। 

सारिका – घर में आठ बजे खाना खाकर सोने का वक्त होता है लेकिन साढ़े चार बजे तक मेरी बीवी किचन नहीं पहुंची थी। वो भूल गई कि इस घर के नियम कानून हैं कायदे हैं। 

बेचारा बेटा और बाप क्या करते क्या कहते अब तक चुप रहे तो अब भी चुप रहने में ही भलाई समझी। लेकिन थोड़ी ही देर में किचन से कुछ दूर की गंध की आवाज आती है सब भागकर किचन में जाते हैं। 

सारिका –हे भगवान। प्रिया को ये क्या हो गया यह गिर कैसे गई। 

बंटी प्रिया को उठाने के लिए उसे छूता है कि हे भगवान पापा प्रिय का शरीर तो गरम तवे की तरह तब रहा हैं। 

और माँ को कहा मां क्या अपने भी नहीं देखा?

 सारिका – हरे देखा नहीं  तप रही है तो बताने था ना। 

बंटी का पापा  –अरे बताती कैसे बेचारी  तुम इतना तो बरस रही थी उस पर। 

 बंटी – पापा आप मां से बाद में बात करना। पहले प्रिया को डॉक्टर के पास ले चलते हैं। 

डॉक्टर -इनके ऊपर मानसिक दबाव काफी रहा होगा शरीर का साथ दिमाग नहीं दे रहा था लेकिन फिर भी अब इनको पूरा आराम दें। कम से कम दो महीने। 

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सब घरा जाते हैं जहां सारिका, बाह वाह। डॉक्टर ने  तो बोल दिया कि दो महीने का आराम दो लेकिन दो महीने काम कौन करेगा। 

 बंटी – मां तुम्हें काम की पड़ी हैं औरे नौकरानी रख लो न। 

 सारिका –चुप रहो  बंटी, अब तुम्हारी जबान नहीं चलना चाहिए। समझे। नौकरानी के पैसे क्यों तेरा ससुर देगा। वैसे एक तरीका है। 

सारिका सीधे प्रिया के मायके जाती है। और प्रिय के पापा से कहती हैं देखिए भाईसाब प्रिया ने तो दो महीने के लिए बिस्तर पकड़ लिया है लेकिन घर का सारा काम कौन करेगा। आपकी छोटी बेटी शिरया को दो महीने के लिए आप हमारे घर भेज दीजिए। 

प्रिय के पिता -औरे पर बहनजी उसकी तो परीक्षा है ना। 

 सारिका –अरे वाह जी बाह कैसे पिता हैं आप। एक बेटी ने बिस्तर पकड़ा है और आपको दूसरी बेटी की पढ़ाई की पड़ी है। अरे कौनसा डीएम बनाना है। 

तभी वहां एंट्री होती है प्रिया की छोटी बहन रिया की। बस बिंदास स्टॉप में वो वहां आती है और कहती हैं नमस्ते आंटी जी। 

रिया पापा से -पापा आंटी थिक बोल रही है कि कौन सा मुझे डीएम बना है। आंटी आप घर पहुंची। मैं कल सुबह आ जाऊंगी। 

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सारिका –हाँ बाप से तो समझदार बेटी है।

अगले दिन पहुंच जाती है रिया अपनी बहन के घर फिर सारिका उसे कहती हैं नाश्ता 8 बजे तक लग जाना चाहिए। 

रिया सुबह नाश्ता बनाकर बहन की सास के कमरे में जाती है जहां धीरे धीरे गाने की आवाज आ रही होती है। वह अंदर जाती है कि ससुर गाना गाते गाते रुक जाते हैं। 

रिया –अरे वाह अंकल जी अप्प तो बड़ा ही सही सुर लगाती हैं 

बंटी के पिता -बेटा भगवान के लिए आंटी को ना बताना। बस समझ लो तुमने कुछ सुना ही नहीं।

रिया –अरे इतना अच्छा गाते हैं तो दुनिया से क्यों डरते हैं।

बंटी के पिता -अरे दुनिया से कौन डरता है बिटिया मैं तो पूरी आंटी से डरता हूं।

तभी सारिका की आवाज आती है जरा बाहर तो आईये लैब वाले आ गए। सारे टेस्ट करवा लीजिए। 

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रिया –कैसा टेस्ट। 

बंटी के पिता -मेरा बीपी बढ़ा है। हाइपरटेंशन और थायरॉयड सब बढ़ा है। 

आय नहीं अभी तक कितना पैसा लगता है हर महीने। लेकिन आप को तो कोई फिक्र है ही नहीं। 

रिया –आंटी जी आपकी उम्र ही क्या है लेकिन चेहरे में इतनी झाइयां। आप वो योग नहीं करती।

सारिका –नई नहीं मैं कोई योगा बोगा नहीं करते। 

रिया –तभी उम्र से पहले ही इतनी बड़ी लगने लगी है। वैसे मेरी और आपकी उम्र में ज्यादा फर्क नहीं है लेकिन फिर भी आप देखें खुद को। 

सारिका – हां बोल तो तुम ठीक रही हो थोड़ा ही फर्क हम दोनों की उम्र में लेकिन क्या करूं मैं। 

रिया – लेकिन आंटी इस उम्र में आपको जिम जाने की सलाह तो दे नहीं सकती लेकिन हां आप घर के छोटे छोटे काम कर सकती हैं जिससे आपका शरीर चलेगा आपका पसीना निकलेगा और फिर देखिए चेहरे पर चमक की चमक।

सारिका –अब बात तो तुम ठीक कर रही हो लेकिन क्या करूं प्रिया मुझे कोई काम ही नहीं करनेदेती। 

रिया – मैं समझ सकती हूं कि दीदी मुझसे बड़ी है अब ऐसे में आप उनसे ज्यादा छोटी नहीं हुई। हारे कोई क्यों चाहेगा कि सास ज्यादा जवान लगी। 

सास को रिया की बात समझ में आ जाती है। वो प्रिया के साथ घर के काम में मदद करती फिर एक दिन वो बाहर वॉक कर रही थी की पड़ोसन कहती है अरे क्या बात है सारिका जी आप तो दिन पर दिन जवान होती जा रही है। 

अब क्या था, सारिका तो खुश हो जाती है और रिया को थोड़ा पसंद करना भी शुरू कर देती है।

फिर एक दिन 

रिया –आंटी जी वो मुझे न घर जाना पड़ेगा मेरी संगीत की परीक्षा हैं न ,यह तो कोई सिखाने वाला नहीं हैं। 

सारिका कुछ सोचती है फिर कहती है अरे तुम चली जाओगी तो घर का काम कौन करेगा।

रिया – नहीं जाती लेकिन संगीत की परीक्षा 

सारिका –ये तेरे अंकल बी ना शायद थोड़ा बहुत जानते हैं संगीत उनसे सीख ले। 

ससुर को लगता है कि वो कोई सपना देख रहा है। और ओह सारिका से कहती हैं  क्या बात करें सारिका क्या तुम्हे अब भी याद है। 

सारिका – हां कितना वक्त लगा था गाना बजाने की आदत छुड़वाने में कैसे भूल सकते हैं। लेकिन आप तो अब तक पक्का भूल चुके होंगे। 

रिया – औरे आंटी जी कोई बात नहीं अंकल को जितना आता है मैं उतना ही सीख लूंगी। 

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फिर क्या रोज़ रिया प्रिया के ससुर का गाना सुनती और सबके सामने उन्हें गाने को भी कहती। ससुर अपनी हॉबी को पूरा करते खुश रहते और फिर अगले 15 दिनों में ही जब घर पर लैब वाला आता है। 

लैब वाला -अरे अंकल जी की जो 10 दिन पहले सेम्पल ले गया तथा रिपोर्ट आ गई है वो तो पूरी तरह ठीक होगए । ये तो जादुई है जो इतनी सारी बीमारियां झटके में जलेगी। 

सास को भी आश्चर्य होता है। वहीं प्रिया भी ठीक हो जाती है और अब घर का माहौल ही अलग होता है। ससुर का गाना सास का प्रिया के साथ खाना पकाना और परिवार में अनुशासन का थोड़ा काम हो जाना।

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