Moral Stories For Kids – माँ के जादुई बादाम – Hindi Kahaniya

Moral Stories For Kids – माँ के जादुई बादाम

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उत्तर भारत के पहाड़ी इलाके में सुमेरपुर नाम का एक गांव था जहां पिंकी और नैना अपनी मां के साथ रहती थीं । उनके पिता का कुछ दिनों पहले ही स्वर्गवास हुआ था । पिंकी और नैना के पिता बादाम की खेती किया करते थे । So you read (Moral Stories For Kids – माँ के जादुई बादाम)

नैना के मा-बेटियों तुम्हारे पिताजी तो अब हमारे बीच नहीं हैं । तुम दोनों में से ही किसी को बादाम बेचने बाजार जाना होगा ।

पिंकी-मां मैं बाजार जाकर बादाम भेजूंगी । नैना के अंदर बिल्कुल दिमाग नहीं है इसे दो हिसाब जोड़ना भी नहीं आता ।

नैना-ओ हो बड़ी आई हिसाब जोड़ने वाली मां बादाम बेचने मैं जाऊंगी पिंकी का ध्यान सिर्फ लड़कों पर रहता है । इसे तो रास्ते में कोई लड़का मिल गया तो ये बादाम उदार सब भूल जाएगी ।

पिंकी-तू तो बहुत दूध की धुली हुई है । टिंकू के बारे में बताऊ मा को ।

नैना-बता क्या बताएगी ।

नैना के मा-अरे तुम दोनों लड़ना बंद करो । पहली बात तो मैं तुम दोनों को बादाम बेचने भेजूंगी, जो भी ज्यादा मुनाफा कमाकर लौटेगा । अगली बार से फिर वही बादाम बेचने जाएगा ।

पिंकी और नैना की मां दोनों को पांच पांच सोने के बादाम देती हैं ।

दोनो ने पूछे मां इन सोने के बादाम का हम क्या करेंगे ।

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नैना के मा-तुम बस इन्हें अपने साथ रखो जरूरत पड़ने पर जो भी तुममें से बुद्धिमान होगा वो इनका इस्तेमाल कर लेगा । अब तुम दोनों बादाम बेचने जाओ ।

पिंकी और नैना बादाम से भरी टोकरी अपने सिर पर रखती हैं और अलग अलग रास्तों से बाजार की ओर निकल पड़ती हैं । पिंकी जिस रास्ते से जा रही थी उस रास्ते पर ठगों की एक टोली रहती थी । टोली में एक औरत और दो आदमी हैं ।

आदमी-देखिए भोली भाली लड़की आ रही है फटाफट अपनी अपनी जगह पर पहुंच जाओ । बहुत दिनों बाद कोई शिकार इस रास्ते से गुजर रहा है ।

पिंकी रास्ते पर जा रही है तब एक आदमी उसे रोकता है अरे सुनो बेटी क्या बेचने जा रही हो ।

पिंकी-बादाम बेचने जा रही हूं ।

पहला ठग – मुझे बादाम खरीदने हैं जरा दिखाना दो ।

पिंकी उस आदमी को टोकरी खोलकर बादाम दिखाती है आदमी-अरे ये बादाम नहीं ये तो पत्थर है ।

पिंकी-तुम्हारा दिमाग खराब हो गया क्या ये बादाम है । पिंकी जब थोड़ा आगे बढ़ती है तो दूसरा ठग उसे रोककर पूछता है ।

दूसरा आदमी-सुनो लड़के क्या भेज रही हो ।

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पिंकी-बादाम बेच रही हूं ।

दूसरा ठग -दिखाना तो जरा मैं बादाम खरीदने ही बाजार जा रहा था ।

पिंकी टोकरी खोलकर बादाम दिखाती है ।

दूसरा ठग-लड़की मुझे पागल समझा है क्या ये तो पत्थर हैं। यह तुम कहां से ला रही हो ।

पिंकी-मेरी मां ने मुझे दिए थे ।

दूसरा आदमि– लगता है तुम्हारी मां ने तुम्हें बुद्धू बना दिया । पिंकी-नहीं मेरी मां ऐसा नहीं कर सकतीं ।

पिंकी जब थोड़ा और आगे जाती है तो उसे तीसरी ठग मिलती है । वह भी पिंकी के बाद नामों को पत्थर बताती है ।

तीसरी ठग-तुमने बताया कि तुम्हारी और एक बहन  भी है । मुझे लगता है तुम्हारी मां ने चालाकी से तुम्हारी टोकरी में पत्थर रख दिए हैं ।

आखिरकार पिंकी ठगों के जाल में फंसी जाती है । पिंकी सोने के बादाम निकालकर ठग को दिखाती है ।

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पिंकी-तो क्या ये भी पत्थर है । मेरी मां ने कहा था कि पांच बादाम सोने के हैं ।

तीसरी ठग-लड़की ये भी पत्थर ही है । तुम्हारी मां और बहन ने तुम्हें बेवकूफ बना दिया ।

पिंकी गुस्से से सुनी के बाद रामू सहित सारी बादाम फेंक कर घर की ओर लौट पड़ती है । उधर नैना जिस रास्ते से बाजार जा रही थी उस रास्ते में एक आदमी और औरत रहते थे जो इमोशनल ड्रामा करके लोगों से पैसे ऐंठते थे ।

आदमी– बह देख एक लड़की आ रही हैं चल जल्दी से शुरू होजा ।

औरत ड्रामा करते हुए-अरे मैं लुट गई बर्बाद हो गई । हमारा सारा धंदा चोपट हो गया । मेरे पति बहुत बीमार है । कोई तो हमारी कुछ मदद कर दो । सुनो बेतिया थोड़े पैसे वो तो हमें दे दो । मुझे अपने पति का इलाज कराना है ।

नैना समझ गई कि वो औरत और आदमी नौटंकी कर रहे हैं ।

नैना-देखो अभी मेरे पास कोई पैसे नहीं है । मैं जादुई बादाम बेचने जा रही हूं उन्हें बेच कर मुझे ढेर सारे पैसे मिलेंगे।

औरत-जादुई बादाम

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 नैना-हां जादुई बादाम जिन्हें अगर कोई अपने घर पर दो महीने रख ले तो वे सोने के बन जाते हैं । देखो मेरे पास कुछ सोने के बादाम हैं ।

नैना अपनी मां द्वारा दिए गए पांच सोने के बादाम दिखाती है मैं सारी सोने के बादाम नहीं ला सकती थी क्योंकि तुम तो जानती हो कि रास्ते में बहुत से चोर लुटेरे भी रहते हैं । अगर तुम मेरी बादाम बिकवाने में मदद करो तो मैं तुम्हें आधे किलो बादाम दे दूंगी ।

औरत और आदमी सोचते हैं कि आधा किलो बादाम जब सोने के बन जाएंगे तब तो वे बहुत अमीर हो जाएंगे । इसलिए वे नैना की बादाम बेचने में मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं ।

नैना-आब ये टोकरी अपने सिर पर रखो और बाजार ले चलो ।

औरत और आदमी नैना की टोकरी ढोकर बाजार ले जाते हैं ।

नैना-मैं यहां पर बैठी हूं तुम लोग आवाज लगाओ जैसे मैं लगा रही हूं जादुई बादाम ले लो, जादुई बादाम जो सोने के बन जाएंगे । औरत और आदमी जादूई बादाम के लालच में पूरी मेहनत से नैना की सारी बादाम बिकवा देते हैं । नैना की खूब धीर सारी कमाई होती है ।

नैना-ये लो आधे किलो बादाम मैंने तुम लोगों के लिए बचाकर रखे थे । इन्हें घर ले जाओ और दो महीने तक इंतजार करना ।

इस तरह नैना अपनी चतुराई से ठगों को ही उल्लू बना देती है और ढेर सारे पैसे लेकर अपने घर लौटती है । तो दोस्तो अब तो आपको पता चल ही गया होगा कि पिंकी और नैना में से कौन ज्यादा बुद्धिमान था ।

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