Sone Ka Aam Kahani – सोने का आम -Hindi Moral Stories:
(Hindi Moral Stories-Sone Ka Aam Kahani)
एक गांव में रामू नाम का एक आदमी रहता था । उसकी पत्नी और वो मिलकर रहते थे । रामू बहुत मेहनती था । बहुत मेहनत करके काम किया करता था लेकिन फिर भी बेचारा ज्यादा पैसे नहीं कमा पाता था । उसके गांव में जो कोई भी बुलाकर उसे कोई भी काम देता वो सब काम किया करता था ।
सारा दिन मेहनत करके बहुत ही लगन से कमाया करता था । जो पैसा वो कमाता उन पैसों से घर की जरूरी चीजें खरीद कर घर ले जाया करता था । हर दिन की कमाई उसी दिन खत्म हो जाया करती थी । अगर रामू को कोई काम न मिला तो उस दिन घर का गुजारा भी नहीं होता था ।
बेचारा बहुत मेहनत करके थोड़े थोड़े पैसे कमाया करता था फिर धूप का मौसम आ गया । रामू को कहीं काम नहीं मिल रहा था । उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं रहता था और उसकी पत्नी बहुत ही परेशान रहा करती थी ।
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सुनिए ये धूप का सारा मौसम क्या हमें ऐसे ही भूखे गुजारना पड़ेगा । हम और कर भी क्या सकते हैं । इतनी मेहनत करने के बाद भी हमारी मुश्किल कम ही नहीं हो रही । कोई काम भी तो नहीं मिल रहा । अब तुम्हीं बताओ मैं करूं तो क्या करूं । हमारे आम के पेड़ पर बहुत अच्छे आम लगे हैं । आप ऐसा क्यों नहीं करते कि उन आमों को गांव ले जाकर बेच दें, थोड़े बहुत पैसे तो आ ही जाएंगे । हां तुम ठीक कह रही हो आज से मैं वही करूंगा ।
उस दिन से हर रोज आम तोड़कर बेचा करता था । उन पैसों से उनका घर चलता था । इसी तरह कुछ समय गुजर गया । रोज की तरह एक दिन रामू आम के पेड़ पर चढ़ चढ़कर आम तोड़ रहा था । उसने देखा कि उस पेड़ की एक डाल पर एक तोता बैठा हुआ था । रामू अपना काम कर रहा था पर पास ही में बैठा तोता बिल्कुल हिले बिना पैसे बैठा हुआ था । रामू बहुत हैरानी से उस तोते को देख रहा था ।
फिर रामू को पता चला कि उस तोते के पैर पर एक घाव था जिसकी वजह से वह बेचारा तोता उड़ नहीं पा रहा था । फिर रामू जल्दी से उस पेड़ से नीचे उतर कर अपनी पत्नी को बुलाता है । सुनती हूं जल्दी इधर आओ । हां कहिए हे क्या हुआ रामू ने बोला ये देखूं इस तोते के पैर पर घाव है जिसकी वजह से बेचारा उड़ नहीं पा रहा है । अरे हां बेचारा बहुत तकलीफ में है आप उसे सावधानी से पकड़कर यहां लाइए हम उसके घाव पर पट्टी करेंगे ।
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रामू पेड़ की डाल पर बैठे तोते को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उसे नीचे लाता है । और फिर रामू और उसकी पत्नी उस तोते को घर के अंदर ले जाते हैं और उसके पैर की मरहम पट्टी करते हैं । उसके लिए एक प्यारा सा घोंसला बनाकर उसमें रखते हैं । फिर रोजाना उस तोते को दो आम भी वह लोग खिलाया करते थे । इस तरह कुछ दिन ही गुजरे थे कि उस तोते का पैर बिल्कुल ठीक हो गया और वो उड़ने लगा ।
उस दिन भी रामू ने उस तोते को दो आम खिलाए थे । वो तोता उन दोनों आमों को खा कर फिर से छपने लगा । तभी बेचने के लिए तोड़े हुए आमों की टोकरी वहीं पर रखी हुई थी । उस तोते चीखने की आवाज सुन कर रामू की पत्नी ने दो और आम उस तोते को दिए थे । वो तोता उन आमों को भी खा लेता है और फिर से ऐसे ही चीखने लगता है जैसे उसे और भूख लगी हो । तोता उस टोकरी की तरफ ही देख रहा था ।
रामू को ये पता चला कि बेचारे तोते को और भूख लगी है रामू को ये बात पता थी कि आम को बेचने पर ही उनका पेट भर सकता है लेकिन फिर भी रामू के तोते की तरफ देख कर बहुत दया आ गई । फिर रामू ने कहा बेचारा कितना भूखा है । देखा तुमने कितने और उसने ठानी । हां मुझे भी यही लग रहा है ।
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हम भी पैसों की कमी की वजह से कितने दिन गुजारे थे । उस तोते पर पर मुझे बहुत तरस आ रहा है । उसकी भूख मिटानी अब हमारे लिए जरूरी है । तुम ऐसा करो कि ये आम की टोकरी उसके सामने रख दूं । जितनी आम वो खा पाएगा पहले उसे खाने दूंगा । फिर जो कुछ बचा जाएंगे उससे हम अपना पेट भर लेंगे । ठीक है इस तरह रामू की पत्नी आम की टोकरी को उस तोते के सामने रख देती है । वो तोता आम खाने शुरू करता है । बहुत ही खुशी से खा रहा था ।
दोनों पति और पत्नी बहुत ही हैरानी से उस तोते की तरफ देख रहे थे । वो तोता एक एक करके सारे ही आम खा लेता है । ये देख कर रामू और उसकी पत्नी ये सोचने लगे कि ये तोता इतना छोटा है लेकिन इतने सारे आम वह खा कैसे सकता है । वो दोनों पति पत्नी एक दूसरे की तरफ देखने लगे । वो देख ही रहे थे कि वो तो अचानक एक खूबसूरत देवकन्या बन गया था । वो दोनों पति पत्नी और भी बहुत हैरानी से देख रहे थे ।
यह क्या है, यह सपना है यह सच्चाई । पता नहीं मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा है । लगता है कि यह सच्चाई है । हां ये सच्चाई है मैं एक देवकन्या हूं । मुझे एक जादूगर ने श्राप दिया था जिसकी वजह से मैं तोते की तरह बन गई थी । जिस रोज मैं अपना पेट भर के खाना खाती हूं ।
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उस दिन मुझे मेरे शाप से मुक्ति मिल जाएगी । ऐसा मुझे उस जादूगर ने कहा था लेकिन मैं किसी जब भी किसी भी बाग में जाती थी कि कोई फल खा यू वहां से मुझे भगा दिया जाता था लेकिन आज आप लोगों ने मुझे पेट भरके खिलाया है । मुझे मेरे शाप से मुक्ति दिल आया है । खुद अपने भूख के बारे में भी आप लोगों ने नहीं सोचा । बिना कुछ सोचे आप लोगों ने मेरी मदद की है, इसलिए मैं आप लोगों को वरदान देती हूं कि अगली बार आप लोग जितने आम तोड़ कर टोकरी में डालें । उस आम सोने की बन जाएंगी । लेकिन याद रहे कि ऐसा सिर्फ एक ही बार होगा ये कह कर देवकन्या वहां से गायब हो जाती है ।
रामू और उसकी पत्नी को ये सब एक सपना लग रहा था । दूसरे दिन सुबह को रामू आम के पेड़ पर चढ़कर आम तोड़कर टोकरी में डाल रहा है । देखते ही देखते वो सारे आम सोने के बन गए । सोने के आम बहुत ही चमक रहे थे । रामू और उसकी पत्नी वो सारे सोने के आम लेकर घर में ले जाकर छुपा देते हैं । फिर एक एक करके उन आमों को बेचते थे । उन पैसों से अपने घर की सारी जरूरी चीजें खरीद लिया करते थे । उस दिन से वह हर दिन पेट भर के खाते और भूखे लोगों को वे खिलाया करते थे ।
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उन सोने के कुछ आम बेच कर रामू ने एक खेत भी खरीदा था और अपने लिए घर भी बना लिया । वो लोग बहुत खुश होकर जीने लगे । उन्होंने जो देखे गए अहसान को कभी नहीं भूला था और हमेशा भूखे लोगों को खाना खिलाया करते थे ।
तो बच्चों इस कहानी से हमें क्या सबक मिला कि हम भूखे लोगों को कभी ऐसी हीन नहीं छोड़ना चाहिए । और हमें उनकी मदद करना चाहिए। मुश्किल वक्त में सहायता करना बहुत अच्छी बात है । अगर हमारे काम में कोई स्वार्थ न हो तो हमें उसका इनाम जरूर मिल जाएगा ।
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