karwachauth Story in Hindi (जिसने तोड़ी बूढ़ी परंपरा को और बचाया अपने प्यार से पति के लिए!)

करवा चौथ एक महिला का वचन है, जो उसके पति के प्रति उसकी गहरी प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इसकी कहानी में है एक बेहद सुंदर और समर्पित महिला की, जिनका नाम वीरावती था। वे खुशहाल और उनके पति के साथ बहुत खुश थीं।

वीरावती की कहानी उसके अपने माता-पिता के स्वर्गवास के बाद शुरू होती है, और उनकी बचपन में ही विवाह हो जाता है। एक दिन करवा चौथ के दिन, जब वीरावती ने अपने पति के लिए उपवास रखा, तो वह प्यास और भूख का संघट्ट पाने लगी। वह रात को चांद के निकलने का बेताबी से इंतजार कर रही थी। लेकिन उसका उपवास लंबा हो गया और वह बहुत कमजोर हो गई।

READ Also  Space Junk Armageddon: Earth's Orbit Choked with Debris, Threatening Future Missions!

गांव की अन्य महिलाएं ने उसकी समस्या को देखा और उसे अपने उपवास को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन वीरावती ने इस रित्वली यात्रा को पूरा करने का निर्णय लिया। उसका पति उसके खाने के इंतजार में बेहद चिंतित हो गए थे।

इस बीच, वीरावती अपनी कमजोर हालत के चलते बेहोश हो गई। उसके अवस्था को देखकर गांव की महिलाएं अपनी छतों पर दीपक जलाकर चांद का निकलने की बजाय के रूप में दिखाने लगीं। फिर उन्होंने वीरावती को मिथ्या यानि झूठ कहकर बताया कि चांद उदित हो गया है, और अब उसका उपवास तोड़ सकती है। उसका ध्यान बटोरने वाली अन्य महिलाओं की चाल से, वीरावती ने अपने उपवास को तोड़ दिया।

READ Also  Cosmic Showdown: $1 Billion Telescope Takes on NASA's $10 Billion Giant

जैसे ही उसने खाने का पहला टुकड़ा खाया, उसको यह खबर मिली कि उसके पति का दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वीरावती उसके पास धावनी चली गई और तब उसने समझा, करवा चौथ का असली महत्व क्या है।

उसका गहरा प्यार और समर्पण ही उसके पति की जान को बचाने में अद्वितीय भूमिका निभाई थी। उसके अटल उपवास और दूसरी महिलाओं की चाल ने उसके पति को मौत की दहलीज से वापस ला दिया था।

READ Also  Get Ready to Stargaze: The 'Blue Supermoon' of 2023 Is About to Light Up the Night Sky

इस दिन से ही, करवा चौथ एक महिला के पति के प्रति उसके प्यार और समर्पण का यह प्यार भरा परंपरा बन गया। भारत के औरतें अपने पति की सुरक्षा और समृद्धि के लिए इस उपवास का पालन करती हैं। वे सूरज उगने से लेकर चांद निकलने तक उपवास करती हैं, अपने प्रियजनों की सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। चांद निकलने के बाद, वे अक्सर अपने पति के साथ पहला पानी पीती हैं या कुछ खाने के साथ, अपने प्यार और समर्पण के बंधन का जश्न मनाती हैं।

Rate this post

Leave a Comment